द डिजिटल 24 डेस्क : छिंदवाड़ा,मध्यप्रदेश – पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को अपने तीन दिवसीय दौरे के तहत परासिया पहुंचकर कफ सिरप से मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया। इस दौरान उन्होंने मृत बच्चों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और पीड़ित परिवारों की आपबीती सुनी।
कमलनाथ ने जताया गहरा दुख -
कमलनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे यहां आकर बहुत दुख हुआ। मेरी हिम्मत नहीं पड़ रही थी कि मैं यहां आऊं।" उन्होंने कहा कि इस त्रासदी ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि "मैं लगातार सरकार से पूछता रहा कि आप क्या टेस्ट कर रहे हैं, लेकिन जब जांच हुई तो पता चला कि दवाइयों में जहरीला केमिकल मिला है।"
दवा परीक्षण पर गंभीर आरोप -
कमलनाथ ने दावा किया कि मध्यप्रदेश में केवल 5% दवाओं की टेस्टिंग होती है, जो बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि "यह दवा तमिलनाडु से आई थी और न जाने कितने जिलों में पहुंची। कितने लोगों की मृत्यु हुई, इसका कोई हिसाब नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर छिंदवाड़ा में इतनी मौतें न होतीं, तो यह मामला सामने ही नहीं आता।
सरकार को ठहराया जिम्मेदार -
कमलनाथ ने इस पूरे मामले के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि "जिन दवाइयों की टेस्टिंग होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई। आज भी कई ऐसी दवाइयां हैं जिनकी जांच नहीं होती।" उन्होंने मांग की कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
SIT जांच जारी -
इस मामले में SIT द्वारा जांच की जा रही है और दवा निर्माता रंगनाथन गोविंदम से पूछताछ जारी है। औषधि विभाग भी जांच में शामिल है। अब तक छिंदवाड़ा में 7 और नागपुर में 2 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई बच्चे अभी भी इलाजरत हैं।
यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि दवा परीक्षण प्रणाली की गंभीर खामियों की ओर भी इशारा करती है। कमलनाथ की संवेदनशीलता और सक्रियता ने इस मुद्दे को और अधिक गंभीरता से उठाने की जरूरत को रेखांकित किया है।
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