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जबलपुर में फार्मा कंपनी पर बड़ी कार्रवाई: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद गोदाम सील

 द डिजिटल 24 डेस्क जबलपुर : मध्यप्रदेश छिंदवाड़ा और बैतूल में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस गंभीर घटना के बाद जबलपुर स्थित कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है।

क्या है पूरा मामला -

- छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में सर्दी-खांसी के इलाज के लिए दी गई कफ सिरप के सेवन से अब तक 13 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।
- सिरप के सेवन के बाद बच्चों में किडनी फेलियर की शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद उन्हें नागपुर और छिंदवाड़ा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया था।

 सिरप की आपूर्ति और जांच -

- जबलपुर की कटारिया फार्मासिटिकल्स ने चेन्नई की एक कंपनी से 660 शीशियां मंगवाई थीं।
- इनमें से 594 शीशियां छिंदवाड़ा के मेडिकल स्टोर्स को भेजी गईं।
- 16 शीशियों को भोपाल लैब में जांच के लिए भेजा गया, जहां सभी को अमानक और जहरीला पाया गया।
- सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल जैसे रसायन की मौजूदगी की पुष्टि हुई, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।

 प्रशासन की कार्रवाई -

- तहसीलदार रांझी आदर्श जैन और ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीण पटेल ने ओमती थाना क्षेत्र स्थित कटारिया फार्मा के गोदाम पर छापा मारा।
- राजपाल कटारिया, कंपनी के संचालक से पूछताछ के बाद गोदाम को सील कर दिया गया।
- इस कार्रवाई में छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला और बालाघाट के ड्रग अधिकारियों की संयुक्त टीम शामिल रही।

 आगे क्या..?
- औषधि विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले चरण में कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
- केंद्र सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 2 साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप न देने की एडवाइजरी जारी की है।


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