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छिंदवाड़ा के परासिया में 9 बच्चों की मौत: कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर शक,जबलपुर से चेन्नई तक जांच का दायरा

द डिजिटल 24 डेस्क : जबलपुर - मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया विकासखंड में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां बीते दिनों 9 बच्चों की मौत किडनी फेल होने के कारण हुई। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुट गए हैं।

जांच की शुरुआत और फार्मा कंपनियों पर कार्रवाई
- बालाघाट, मंडला, छिंदवाड़ा और जबलपुर के ड्रग एवं औषधि विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कटारिया फार्मासिटिकल्स पर छापा मारा।
- स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने जबलपुर के थाना ओमती क्षेत्र स्थित कटारिया फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर की गहन जांच की।
- कटारिया फार्मासिटिकल्स ने चेन्नई की एक कंपनी से 660 शीशियां कोल्ड्रिफ कफ सिरप की मंगवाई थीं।

सिरप की आपूर्ति और वितरण
- इनमें से 594 शीशियां छिंदवाड़ा के तीन स्टॉकिस्ट को जबलपुर से भेजी गई थीं।
- संदिग्ध सिरप की 16 शीशियों का सैंपल लेकर भोपाल लैब में जांच के लिए भेजा गया है।

प्रशासन की कार्रवाई और सिरप पर बैन
- परासिया के एसडीएम शुभम कुमार यादव ने बताया कि कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो-DS नामक दो कफ सिरप पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- अब तक जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें से कई ने इन्हीं सिरप का सेवन किया था।

बच्चों की हालत और अस्पताल में भर्ती
- फिलहाल 13 बच्चे नागपुर के अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
- प्रशासन ने सभी निजी डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वायरल लक्षण वाले बच्चों को सीधे सिविल अस्पताल भेजा जाए।

प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
- रिपोर्ट्स के अनुसार, किसी भी मृत बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया, जिससे जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।

यह मामला न केवल औषधि गुणवत्ता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को भी उजागर करता है। भोपाल लैब से रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बच्चों की मौत का कारण वास्तव में क्या था।


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