द डिजिटल 24 डेस्क - छिंदवाड़ा : छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में किडनी इन्फेक्शन से 11 बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। बीएस की गंभीर धारा में मामला दर्ज किया है, जिसमें 10 साल तक की सजा है परासिया के सिविल अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीन सोनी 15 दिन के अवकाश पर थे और और अपने निजी क्लीनिक में बच्चों का इलाज कर रहे थे। किडनी इन्फेक्शन से जिन 10 बच्चों की मौत हुई है उनमें से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के क्लीनिक में हुआ था। सभी को कोल्डरिफ और नेस्ट्रो डीएस दवाइयां दी गई थी। डॉक्टर के क्लीनिक के बाजू में ही उनकी पत्नी “अपना मेडिकल” के नाम से मेडिकल स्टोर चलाती हैं, जहां से दवाइयां बेची गई थी।
*निजी क्लीनिक में किया था इलाज*
परासिया एसडीएम शुभम कुमार यादव ने बताया है कि 10 में से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीन सोनी के निजी क्लीनिक में किया गया था। वह काफी अनुभवी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं। ज्यादातर लोग उनके पास इलाज करने जाते हैं। डॉक्टर प्रवीन सोनी का कहना है कि वह कहीं बाहर जाने वाले थे लेकिन अचानक उनका प्रोग्राम रद्द हो गया। मौसमी बीमारी के मरीज उनके पास आ रहे थे तो वे उनका इलाज कर रहे थे। उनके पास हर दिन 100 से 200 बच्चे इलाज के लिए आते हैं, जिनमें से अधिकतर को वे यही सिरप लिख रहे थे।
*जांच में पाई गई 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई है, जो एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक*
तमिलनाडु के औषधि नियंत्रक कोल्ड्रिफ सिरप को “नॉटऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (एनएसक्यू)” घोषित किया गया है। शासकीय औषधि विश्लेषक, औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई के परीक्षण अनुसार इस सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा पाई गई 48.6% पाई गई है, जो एक जहरीला तत्व है और स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है। जिला छिंदवाड़ा से बच्चों की मृत्यु की घटनाओं की पृष्ठभूमि में इस औषधि की संदिग्ध भूमिका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कठोर कदम उठाए गए हैं।
*छिंदवाड़ा में दवा सप्लाई करने वाली जबलपुर की कटारिया फार्मा पर छापा*
ड्रग एवं औषधि विभाग जबलपुर ने छापामार कार्रवाई की है। ड्रग एंव औषधि विभाग ने जबलपुर के कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर के यहां छापा मारा है। ड्रग विभाग की टीम ने जबलपुर के नौदराबाद ब्रिज स्थित कटारिया फार्मा पर छापामार कार्रवाई की। Fo के कई मेडिकल स्टोर्स को कफ सिरप की सप्लाई की थी। बच्चों की मौत के बाद संदेह की सुई सीधे इसी सप्लाई कंपनी पर टिकी है। ड्रग विभाग की टीम ने छापेमारी के दौरान स्टॉक की जांच की और सिरप के सैंपल जब्त कर जांच के लिए भोपाल लैब में भेजा गया है, जहां से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट आने की संभावना है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जबलपुर, छिंदवाड़ा समेत आसपास के जिलों में ड्रग विभाग की संयुक्त टीम जांच में लगी हुई है।
*पूरे प्रदेश में बैन हुई कोल्ड्रिफ कफ सिरप.. मुख्यमंत्री*
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड पर कड़ा अपनाते हुए सख्त एक्शन लिया है। सीएम ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप को पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही छापामारी कर अमानक दवा जब्त करने के निर्देश दिए हैं। मृतक के परिजन को 4-4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उपचाररत बच्चों का पूरा इलाज राज्य सरकार कराएगी।
*मध्य प्रदेश के बाद यूपी, दिल्ली और केरल में कोल्ड्रिफ कफ सीरप पर प्रतिबंध, अब दुकानों पर की जा रही छापेमारी*
कफ सीरप के कारण बच्चों की मौत और इस संबंध में केंद्र सरकार के एडवाइजरी जारी करने के बाद राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केरल ने कोल्ड्रिफ कफ सीरप के उपयोग पर रोक लगा दी है। और सभी दवाई की दुकानों में छापा मारा जा रहा है
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