The DIGITAL 24 डेस्क - मध्य प्रदेश : जबलपुर जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर चौंकाने वाला मामला सामने आया है,जहाँ पाँच प्रमुख निजी स्कूलों ने फीस के नाम पर छात्रों और अभिभावकों से 31.51 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की है। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर की गई जाँच में यह खुलासा हुआ है। जाँच में पाया गया कि इन स्कूलों ने सत्र 2024-25 में नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से फीस में वृद्धि की थी। जाँच रिपोर्ट के अनुसार, पाँचों स्कूलों ने 52,480 बच्चों से निर्धारित फीस से अधिक शुल्क लिया। जाँच समिति ने नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक की फीस का विस्तृत परीक्षण किया। जाँच के बाद प्रत्येक स्कूल पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कलेक्टर ने आदेश दिया है कि जुर्माने की राशि तीन दिनों के भीतर जमा कराई जाए। जिला समिति ने नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के लिए फीस निर्धारण किया था,लेकिन इन स्कूलों ने निर्धारित नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मर्जी से फीस में बढ़ोतरी की। सत्र 2024-25 के दौरान प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में इन अनियमितताओं की पुष्टि हुई। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पाँचों स्कूलों पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि ऐसी शिकायतें दोबारा सामने आईं, तो और भी सख्त कार्रवाई की जायगी...लगातार की जा रही कार्यवाही के बाद भी अभिभावकों में आक्रोश देखा जा रहा है। कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली उनके आर्थिक बोझ को बढ़ा रही है। जिला प्रशासन ने फीस वसूली में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। साथ ही, सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी फीस संरचना जिला समिति को प्रस्तुत करें और किसी भी प्रकार की अनियमितता से बचें। जबलपुर में लगातार की जा रही कार्यवाही शिक्षा क्षेत्र में बढ़ती व्यावसायिकता का उदाहरण है। जिला प्रशासन की यह कार्रवाई छात्रों और अभिभावकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि कार्यवाही के बाद भी निजी स्कूल कोर्ट की शरण मे जाकर इसे ही हथियार बनाकर लगातार मनमानी कर रहे हैं। यही वजह है कि अब अभिभावकों की ओर से भी अब मध्यप्रदेश पेरेंट्स एसोसिएशन ने अब कोर्ट में हस्तक्षेप किया है।
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